जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा.
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा.
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ....
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ....
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा .
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा .
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी
आरतियां
श्रेणी में प्रकाशित किया गया
गणेश
टैग से संबंधित लेख
गणेश चतुर्थी 2022
9
मिनट पढ़ने के लिए
श्री गणेश चालीसा
7
मिनट पढ़ने के लिए
आरतियां
श्रेणी से संबंधित लेख
सभी देखें